इस खबर पर गौर करें तोह ऋतुओं के बदलते समय और उनसे सम्बंधित पंचमहाभौतिक परिवर्तनों पर आयुर्वेद ,में विशेष व्याख्यान है।
जहाँ तक वसंत ऋतू से सम्बंधित इस प्रारंभिक खोज का विषय है तो इसमें दो संभावित बातें हैं -
1) इस काल में कफ का नाश होता है तथा पित्त की वृद्धि होती है; इसी के साथ वात की भी वृद्धि होती है।
2) वात की वृद्धि के कारन embryo का स्थापित न हो पाना या स्थापित हो कर abortion या miscarriage है जाना संभावित है. यह नहीं अधिक पित्त के कारन IUGR की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अगर कफ कारक जीवनशैली का पालन करें तो इस असफलता को सफलता में बदला जा सकता है।
जहाँ तक वसंत ऋतू से सम्बंधित इस प्रारंभिक खोज का विषय है तो इसमें दो संभावित बातें हैं -
1) इस काल में कफ का नाश होता है तथा पित्त की वृद्धि होती है; इसी के साथ वात की भी वृद्धि होती है।
2) वात की वृद्धि के कारन embryo का स्थापित न हो पाना या स्थापित हो कर abortion या miscarriage है जाना संभावित है. यह नहीं अधिक पित्त के कारन IUGR की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अगर कफ कारक जीवनशैली का पालन करें तो इस असफलता को सफलता में बदला जा सकता है।
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